CONSIDERATIONS TO KNOW ABOUT SHIV CHAISA

Considerations To Know About Shiv chaisa

Considerations To Know About Shiv chaisa

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देवन जबहीं जाय पुकारा। तब ही दुख प्रभु आप निवारा॥

जय गिरिजा पति दीन दयाला। सदा करत सन्तन प्रतिपाला॥

Chalisa is really a forty-verse prayer devoted to a specific Hindu God or Goddess. The verses of the Chalisa glorify the acts and deeds on the deities. It has verses praying to your Lord for ending sorrow within our life and provides peace, wellness, and prosperity.

त्रिपुरासुर सन युद्ध मचाई। सबहिं कृपा कर लीन बचाई॥

कर त्रिशूल सोहत छवि भारी। करत सदा शत्रुन क्षयकारी॥

अर्थ: हे प्रभु वैसे तो जगत के नातों में माता-पिता, भाई-बंधु, नाते-रिश्तेदार सब होते हैं, लेकिन विपदा पड़ने पर कोई भी साथ नहीं देता। हे स्वामी, बस आपकी ही आस है, आकर मेरे संकटों को हर लो। आपने सदा निर्धन को धन दिया है, जिसने जैसा फल चाहा, आपकी भक्ति से वैसा फल प्राप्त किया है। हम आपकी स्तुति, आपकी प्रार्थना किस विधि से करें अर्थात हम अज्ञानी है प्रभु, अगर आपकी पूजा करने में कोई चूक हुई हो तो हे Shiv chaisa स्वामी, हमें क्षमा कर देना।

त्रिपुरासुर सन युद्ध मचाई। सबहिं कृपा कर लीन बचाई॥

कार्तिक श्याम और गणराऊ। या छवि को कहि जात न काऊ॥

महाभारत काल से दिल्ली के प्रसिद्ध मंदिर

मातु पिता भ्राता सब कोई। संकट में पूछत नहिं कोई॥

स्वामी एक है आस तुम्हारी। आय हरहु अब संकट भारी॥

त्रयोदशी व्रत करै हमेशा। ताके तन नहीं रहै कलेशा॥

तुरत षडानन आप पठायउ। लवनिमेष महँ मारि गिरायउ॥

वेद नाम महिमा तव गाई। अकथ अनादि भेद नहिं पाई॥

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